परिचय
अमरवार्ता हिंदी समाचार पत्र विगत 19 वर्षो से निरंतर सामाजिक सरोकार के मुद्दों के साथ साथ किसानो मजदूरों तथा छात्र नौजवान से जुडी मुद्दों को प्रमुखता से उठता रहा है। अपने इस सफर में संकल्पित एवं समर्पित अवधारणा को दृषिगत रखते हुए तमाम झंझवातो को बखूबी झेला है। वर्ष 2001 में उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ से इस समाचार पत्र का प्रकाशन शुरू किया गया इस सामचार पत्र की शुरुवात करने के पीछे जो अवधारणा थी कि तमाम बड़े अख़बार क्षेत्रीय तथा किसान नौजवान के मुद्दों को उस प्राथमिकता से स्थान नहीं दे पा रहे थे जिसकी जरुरत नागर समाज को थी।
19 वर्षो कि पत्रकारिता के इस पड़ाव पर जब अतीत को देखता हूँ तो उसमे आज कि इस पीत पत्रकारिता का बर्चस्व दिनो दिन बढ़ता जा रहा है। एक जमाना था जब किसी अधिकारी या जनप्रतिनिधि से पत्रकार मिलता था, तो उसे जो सम्मान कि दृष्टि से लोग स्थान देते थे लेकिन आज का वह दौर जब पत्रकारों से अधिकारी या राजनेता मिलते है तो कुंठित नजर से झाकते है। जो निश्चित ही पत्रकारिता जगत के लिए शर्मनाक बात हो गई है। हो भी ना क्यों ? आज के ज़माने में पत्रकार भी तो अपने आप में नहीं रहते ।आये दिन पत्रकारों पर हो रहे हमला उसके जिम्मेदार कोई और नहीं हम पत्रकारों कि जमात ही तो है तमाम ऐसे लोग है इस पेशे में मिशन भाव से नहीं बल्कि रुतबा एवं शोहरत के लिए इस पेशा को चुना है ।
वर्तमान समय में मिडिया घराना भौतिकवाद, धनवाद, आधुनिकता के साथ साथ सूचना एवं प्राद्दोगिक के इस युग में प्रिंट मिडिया अपने सर्वजन हिताय व सर्वजन सुखाय के मूल अवधारणा भटक कर एक उत्पाद व् औद्योगिक घराने के रूप मे अपने आप को स्थापित कर रहा है । इतना ही नहीं बड़े मिडिया छोटे मिडिया को कोई तवज्जो ना दे कर भी एक गलती कर रहा है, जो आने वाले दिन में सभी मिडिया के लिए एक चुनौती साबित होगी । हमारे इस सफर में ऐसा नहीं कि कलमकारों तथा मिडिया के लोगो ने साथ नहीं दिया, भरपूर मदद मिली, लेकिन बिखरे छोटे समाचार पत्रों के मालिक या संपादक को एक मंच पर आ कर अपनी आवाज़ को एक स्वर में उद्बोधित करने कि आवश्यकता है। मैं इस बेब पोर्टल को समाज के लिए समर्पित करते हुए देश तथा प्रदेश के पाठको, शुभेक्षुओं, प्रबुद्धजनो, साहित्यकारों ,नागरसमाज के लोगो तथा पत्रकार मित्रो का आभारी हूँ, जिन्होंने आज हमें इस मुकाम पर पहुंचने में किसी न किसी रूप में मदद की है। साथ ही मैं अपनी शिष्य एवं इस समाचार की निरंतरता बनाये रखने के लिए निरंतर प्रयासरत जुझारू साथी को आशीर्वाद प्रदान करता हूँ।
अमरनाथ राय
प्रबंध संपादक